Sunday, February 20, 2011

विपासना ध्यान

विपासना ध्यान के बारे में टीवी पर परम पूज्य श्री गोयनका जी से जो सुना और नोट कर लिया था, मै चाहती हूँ कि आप सब भी जान जायें .
ध्यान का तरीका --साँस पर ध्यान दें ,साँस तेज है ,धीमी है,कहाँ छूती है ,कहाँ से यानि दायें या बायें नथुने से आती है .ध्यान भटक जाये तो वापिस लायें साँस पर .अभ्यास करते करते ध्यान साँस पर लगने लगेगा ,और इसके लिये ये तीन बातें भी सहायक हैं---पाप कर्म न करो ,पुण्य कर्म करो.चित को निर्मल करो.पाप कर्म क्या है ,कोई भी ऐसा काम जिससे अन्य प्राणियों को पीड़ा होती हो ,पाप है,सुख पहुँचाना ही पुण्य है.ऐसा करने पर मन खुद ही निर्मल हो जायेगा .मन के निर्मल होने पर हम पाप करेंगे ही नहीं हमसे पुण्य ही होगा.

2 comments:

  1. उपयोगी विचार !

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  2. बढ़िया लगा मगर जो इस विषय पर बिलकुल नया हो उसका भला इस लेख से नहीं होने वाला ! शुभकामनायें !

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