शादी को अभी दो महीने ही हुए थे और सोहनी फर वाला कार्डिगन पहन कर खाना पका रही थी .स्टोप की फ्लेम से कार्डिगन के बाजू के फर ने आग पकड़ ली जो तेजी से कंधे से होते हुए खुले बालों तक जा पहुंची और उसी तेजी से उसने कार्डिगन को उतार फेंका ,मोड़तोड़ कर आग बुझा दी. बस जरा से बाल ही झुलसे थे .कुछ सेकेंड्स साँस लेते हुए समझने में लगाये कि ये हुआ क्या आखिर .पतिदेव ऑफ़िस गये हुए थे और सासुमां घर के बगीचे में पड़ोसन से बतियाँ रही थीं.जब अंदर आयीं तो उन्हें पहले तो स्वेटर दिखाया, खुद भी तभी देखा कि कितना जला है और फिर बताया कि कैसे जला ,सुनते ही वह तो यह सोचकर घबरा गयीं कि खुदा ना खास्ता अगर सोहनी को सच मे आग से कुछ नुक्सान पहुंचा होता तो पुलिस तो उन्हें पूछ -पूछ कर तंग कर डालती.