सोहनी जब ११ साल की थी तो उसकी छोटी बहिन का जन्म हुआ था ,अस्पताल गई थी देखने तो सुना, नौ पोंड की हेल्दी बेबी ने जन्म लिया है.
घर भर की लाडली थी.उसे गोदी में खिलाने के लिए घर में बहुत सदस्य थे.
हमसब भाई-बहिनों की पढ़ाई की शुरुवात सरकारी प्राइमरी स्कूल से हुई थी पर उसे मिशनरी स्कूल में पढ़ने का मौका मिला.
अपनी बात पूरी करवा के रहती थी,एक उदाहरण है मेरे पास, हम बड़े लोग घरके पास लगनेवाले मेले में गए थे .घर आकर बताया किसी खास खिलौने के बारे में ,उसने जिद पकड़ ली कि अभी चाहिए और फिर उसे लेकर गए और खिलौना दिलवाया .
इसी जिद ने उसे डाक्टर बनाया .बचपन से ही कहती थी कि बड़ी होकर डॉक्टर बनेगी.पढ़ाई में तेज थी वजीफा मिलता था.जब मेरी शादी हुई तो आठ साल की थी,उसके बाद तो कभी कभार ही मिलना होता है
घर भर की लाडली थी.उसे गोदी में खिलाने के लिए घर में बहुत सदस्य थे.
हमसब भाई-बहिनों की पढ़ाई की शुरुवात सरकारी प्राइमरी स्कूल से हुई थी पर उसे मिशनरी स्कूल में पढ़ने का मौका मिला.
अपनी बात पूरी करवा के रहती थी,एक उदाहरण है मेरे पास, हम बड़े लोग घरके पास लगनेवाले मेले में गए थे .घर आकर बताया किसी खास खिलौने के बारे में ,उसने जिद पकड़ ली कि अभी चाहिए और फिर उसे लेकर गए और खिलौना दिलवाया .
इसी जिद ने उसे डाक्टर बनाया .बचपन से ही कहती थी कि बड़ी होकर डॉक्टर बनेगी.पढ़ाई में तेज थी वजीफा मिलता था.जब मेरी शादी हुई तो आठ साल की थी,उसके बाद तो कभी कभार ही मिलना होता है
आठ साल तक ही आपको उसके बचपन में साथ रहने का मौका मिला, पर कितनी यादें हैं उन थोड़े से वर्षों की...बहुत रोचक पोस्ट !
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