आबुधाबी में सोहनी शेरटन होटल से हिल्टन होटल तक की दौड़ के बारे में अक्सर न्यूज पेपर में पढ़ती थी ,उसका मन हुआ कि वह भी दौड़ लगाये.और बिना अपना स्टेमना बनाये यानि बिना किसी प्रेक्टिस के एक दिन सुबह वह चल पड़ी घर से ,उसे अभी तक यह भी नही पता कि कितने किलोमीटर चली होगी ,किसी तरह पहुंच तो गई.(अकेली नही थी साथ में पड़ोसन को ले गई थी.पर फर्क इतना था कि पड़ोसन सुबह की सैर पर पहले भी जाया करती थी,यानि उसे अभ्यास था चलने का.)वापिसी में टैक्सी कर ली थी.
दिन भर कुछ पता नही चला पर शाम होते -होते लगा कि शरीर में जरा भी हिम्मत नही है,लेट गई बिस्तर पर और उसके हमसफर को डाक्टर को घर बुलाना पड़ा.उसने शायद डीहाईडरेशन ,थकावट बताया और ताकत की दवा दे दी.
अगले दिन हमसफर को पोस्ट ऑफिस जाना था ,घर से ज्यादा दूर नही था बच्चे स्कूल गए थे सो घर में अकेले रहने से अच्छा लगा कि वह भी साथ चली जाये ,चली तो गयी पर वहाँ जब खड़ा होना पड़ा तो लगा कि हिम्मत टूट रही है, और वहीं सीड़ियों पर झटके से बैठ गई ,हमसफर का कहना है कि बैठी नही गिर गई ,किसी से पानी लिया और मुँह पर डाला दो चार घूँट पिया,जान आयी ,टैक्सी बुलाई गयी और घर पहुंचे .दिन भर आराम किया और ठीक हो गई .हमसफर ने कहा कि अब तो ड्राइविंग टेस्ट में पास होना ही होगा ताकि कार खरीद सकें,और सच में इस बार पास हो गए .
दिन भर कुछ पता नही चला पर शाम होते -होते लगा कि शरीर में जरा भी हिम्मत नही है,लेट गई बिस्तर पर और उसके हमसफर को डाक्टर को घर बुलाना पड़ा.उसने शायद डीहाईडरेशन ,थकावट बताया और ताकत की दवा दे दी.
अगले दिन हमसफर को पोस्ट ऑफिस जाना था ,घर से ज्यादा दूर नही था बच्चे स्कूल गए थे सो घर में अकेले रहने से अच्छा लगा कि वह भी साथ चली जाये ,चली तो गयी पर वहाँ जब खड़ा होना पड़ा तो लगा कि हिम्मत टूट रही है, और वहीं सीड़ियों पर झटके से बैठ गई ,हमसफर का कहना है कि बैठी नही गिर गई ,किसी से पानी लिया और मुँह पर डाला दो चार घूँट पिया,जान आयी ,टैक्सी बुलाई गयी और घर पहुंचे .दिन भर आराम किया और ठीक हो गई .हमसफर ने कहा कि अब तो ड्राइविंग टेस्ट में पास होना ही होगा ताकि कार खरीद सकें,और सच में इस बार पास हो गए .
God bless you ! Is it the same incident after which you made a rule to always carry water bottle in your hand bag on outing.
ReplyDeleteby the way once again congrats for getting driving license.
yes.आबुधाबी की गर्मी में यह जरूरी भी है.पर एक्सपीरियेंस के बाद ही बात समझ में आयी.
ReplyDeleteवाह...क्या जज्बा था, लेकिन कीमत भी चुकानी पड़ी, बहुत रोचक पोस्ट !
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