आज तो सुबह का ध्यान नोट करने वाला है ,एक घंटा 5 से 6 बिस्तर पर बैठ कर ध्यान करने के बाद जब लेट कर योग निंद्रा में गई तो अजब सा एक्सपीरियंस हुआ ,शब्द में बताना मुश्किल है ,धीरे धीरे गोल चक्कर काटना शरू किया ,गौतम साथ था ,एक ,फिर दो ,तीन और फिर ऐसे तेज घूमने लगी जैसे लट्टू घूमता है और फिर रुकना शुरू हुआ धीरे धीरे आहिस्ता हुई ,लगा कि नीचे खाली ठंडे फर्श पर हूँ और गौतम की जगह ये खड़े थे पास में पर जब आँख खुली तो बिस्तर पर ही थी अगर इसे सपना कहें तो निराला था सपना या कहूँ... अद्भुत था.
Friday, September 20, 2019
अद्भुत स्वप्न
आज तो सुबह का ध्यान नोट करने वाला है ,एक घंटा 5 से 6 बिस्तर पर बैठ कर ध्यान करने के बाद जब लेट कर योग निंद्रा में गई तो अजब सा एक्सपीरियंस हुआ ,शब्द में बताना मुश्किल है ,धीरे धीरे गोल चक्कर काटना शरू किया ,गौतम साथ था ,एक ,फिर दो ,तीन और फिर ऐसे तेज घूमने लगी जैसे लट्टू घूमता है और फिर रुकना शुरू हुआ धीरे धीरे आहिस्ता हुई ,लगा कि नीचे खाली ठंडे फर्श पर हूँ और गौतम की जगह ये खड़े थे पास में पर जब आँख खुली तो बिस्तर पर ही थी अगर इसे सपना कहें तो निराला था सपना या कहूँ... अद्भुत था.
Tuesday, September 3, 2019
स्वप्न
रात बहुत ही अलग तरह का सपना आया ,किसी मन्दिर में गयी हूँ सिर को जमीन से छुआते हुए अंदर जाना होता है,अंदर कोई लेडी दिखी फिर छोटा बच्चा दिखा ,फिर आगे दूसरे कमरे में कोई देवी जिसके सामने मेरे अंदर से अजीब सी आवाज निकली तो उसने कहा ....इतना गुस्सा ,इतना जबर्दस्त गुस्सा भरा हुआ है अंदर ,तो मैने कहा ...मुझे तो नही लगता कि मेरे अंदर गुस्सा भरा हुआ है,पर दूसरे ही सही जज कर सकते हैं ,मै क्यों मानने लगी और आँख खुल गयी.सिर का तालू के ऊपर वाला हिस्सा काफी भारी लग रहा था जैसे कमलदल खुलने वाला हो एक अच्छी सी फीलिंग होने लगी और फिर से नींद आ गयी.इसके पहले के सपने में तेज लाईट दिखी थी.
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