रात बहुत ही अलग तरह का सपना आया ,किसी मन्दिर में गयी हूँ सिर को जमीन से छुआते हुए अंदर जाना होता है,अंदर कोई लेडी दिखी फिर छोटा बच्चा दिखा ,फिर आगे दूसरे कमरे में कोई देवी जिसके सामने मेरे अंदर से अजीब सी आवाज निकली तो उसने कहा ....इतना गुस्सा ,इतना जबर्दस्त गुस्सा भरा हुआ है अंदर ,तो मैने कहा ...मुझे तो नही लगता कि मेरे अंदर गुस्सा भरा हुआ है,पर दूसरे ही सही जज कर सकते हैं ,मै क्यों मानने लगी और आँख खुल गयी.सिर का तालू के ऊपर वाला हिस्सा काफी भारी लग रहा था जैसे कमलदल खुलने वाला हो एक अच्छी सी फीलिंग होने लगी और फिर से नींद आ गयी.इसके पहले के सपने में तेज लाईट दिखी थी.
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