Friday, September 20, 2019

अद्भुत स्वप्न


आज तो सुबह  का ध्यान नोट करने वाला है ,एक घंटा 5 से 6  बिस्तर पर बैठ कर ध्यान  करने के बाद जब लेट कर  योग निंद्रा में गई तो  अजब सा एक्सपीरियंस हुआ ,शब्द में बताना मुश्किल है ,धीरे धीरे गोल चक्कर काटना शरू किया ,गौतम साथ था ,एक ,फिर दो ,तीन और फिर ऐसे तेज घूमने लगी जैसे लट्टू घूमता  है और फिर रुकना शुरू हुआ धीरे धीरे आहिस्ता हुई ,लगा कि नीचे खाली ठंडे फर्श पर हूँ और गौतम की जगह ये खड़े थे पास में पर जब आँख खुली तो बिस्तर पर ही थी अगर इसे सपना कहें तो निराला था सपना या कहूँ... अद्भुत था. 

1 comment:

  1. वाकई कितना अनोखा सपना...!

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