Tuesday, March 1, 2011
हम सब एक ही हैं
सभी लोग यह बात तो जानते हैं कि हम जैसा बीज बोयेंगे वैसा ही फल मिलेगा.पर यह नहीं जानते कि जब हम किसी के बारे में मन में कुछ सोच रहे होते हैं अच्छा या बुरा ,तो वैसी धारणा उस व्यक्ति तक पहुँच ही जाती है ,मन मे किसी के लिये कुछ भी सोचना बीज डालना ही है. लोग कहते हैं कि हमने तो उसके साथ इतना अच्छा व्यवहार किया पर उसने बदले में क्या दिया.ऐसा इसलिए कि आप ने ऊपर से तो अच्छा व्यवहार दिखाया पर आपके अंदर उसके लिये कुछ अलग ही चल रहा था.जरूर कुछ कारण रहे होंगे कि अंदर कुछ और बाहर कुछ व्यवहार दिखाना पड़ा होगा.क्योंकि यह सिलसिला तो बहुत पुराना चला आ रहा है,पर अब जब हम जान गये हैं कि आम का बीज बोने पर आम ही फलता है और बबूल का बीज बोने पर बबूल ही फलता है, भले ही हमें किसी ने बीज डालते समय देखा न हो .फल बता देगा कि क्या बोया गया था. इसलिये हमे अपने भीतर सदभावना के बीज ही बोने हैं .हम सब ऊपर से अलग अलग दिखते हुए भी भीतर से जुड़े हुए हैं.
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सही कहा है, और विचारों की शक्ति सूक्ष्म होने के कारण ज्यादा होती है बजाय वाणी के !
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना और विचार ! अगर किसी अपने से बिगाड़ना हो तो केवल उसकी कमियों का विश्लेषण करना शुरू करें ! कुछ ही समय में उसके प्रति मन में वित्रष्णा पैदा हो जायेगी ! और इसके विपरीत उसके गुणों के बारे में विचार करें ...यकीनन उससे अच्छा इंसान आसपास नज़र नहीं आएगा !
ReplyDelete...शुभकामनायें आपको ! !