बचपन में उसके बालों की कटिंग घर में ही नाई से कराई जाती थी,रंग बिरंगे रिबन बांधे जाते थे , पर जब दस ग्यारह साल की हुई तो उसके घुंघराले बालों में रोज चोटी बना कर परांदी बान्धी जाने लगी.पर जब सोहनी ने दसवीं क्लास पास कर ली तो उसने बाल कटिंग कराने की फर्माइश की क्योंकि गाहेबगाहे यानि जबतब उसे सुनाई पड़ने लगा था कि खुले बालों में वह ज्यादा सुंदर लगती है.
पापाजी के सामने बात रखी गई पर उन्होंने कहा कि नाई की जरूरत नही ,उन्होंने कैंची ली और खुद ही सेट कर दिए.और तबसे उसने कभी चोटी नही बनाई.पर खुले बालों में अक्सर चिड़ियों का घोंसला बन जाता था तब पहली बार उसके बालों के लिए शेम्पू मंगवाया गया ताकि बाल अच्छी तरह से सेट रह सकें.
जब शादी हो गई तब हनीमून पर शिमला में उसके हमसफर ने ब्यूटी पार्लर से उसके बाल सेट करवाए.
पापाजी के सामने बात रखी गई पर उन्होंने कहा कि नाई की जरूरत नही ,उन्होंने कैंची ली और खुद ही सेट कर दिए.और तबसे उसने कभी चोटी नही बनाई.पर खुले बालों में अक्सर चिड़ियों का घोंसला बन जाता था तब पहली बार उसके बालों के लिए शेम्पू मंगवाया गया ताकि बाल अच्छी तरह से सेट रह सकें.
जब शादी हो गई तब हनीमून पर शिमला में उसके हमसफर ने ब्यूटी पार्लर से उसके बाल सेट करवाए.
बहुत रोचक बाल गाथा...
ReplyDeletekya khoob!
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