Wednesday, April 4, 2018

आत्मा


आत्मा सब जानती है उसे पता है कि मरीज कब ठीक होगा मौसम कब सुहावना होगा.
 उसे मरीज की मम्मी के नानू  का भविष्य भी पता है कि कब तक उनका साथ रहेगा ,मामू की कम्पनी कितनी तरक्की करेगी .मामू इंडिया में सैटल होंगे या विदेश में ही. मौसी  का नया घर कब तक बनेगा .
आत्मा ही तो है जिसे भूत भविष्य सब पता है और वो आत्मा हरेक के भीतर है ,हम अपने अंदर आत्मा को महसूस  करने का प्रयत्न करते हैं ताकि हमे भी सब दिख जाये पर मुश्किल यहाँ ये है कि आत्मा का कोई रिश्ता नही होता ,मामू ,मौसी ,नानू  चाचू ,बुआ ,दादू कुछ नही होता , सब रिश्ते उस व्यक्ति के होते है, व्यक्ति गया रिश्ता गया .
आत्मा के होने का अहसास हमे एक तसल्ली देता है कि सब रिश्ते टम्परेरी  है ,जो कुछ उनके जीवन में होना है होकर ही रहना है हम पहले से जान कर  क्या करेंगे ,पिक्चर चलने दो, एंड को पहले क्यों देखते हो.तुम्हारा असली स्वरूप तो आत्मा ही है ,जो हमेशा से थी ,हमेशा रहेगी ,उसकी छाया में  रहो ,आनन्द की वर्षा  होती  रहेगी. 

1 comment:

  1. सही है, उस भविष्य के बारे में जानकर कोई क्या करेगा जो एक स्वप्न से अधिक नहीं और जो सदा से है उसे क्या जानना !

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