तेज गुरु का सत्संग सुना ..बता रहे थे कि जैसे तुम किसी दीवार का सहारा लेकर खड़े होते हो या आरामकुर्सी पर बैठ कर आराम करते हो,तो पूरी तरह से निश्चिंत होते हो कि दीवार नही गिरेगी,कुर्सी नही टूटेगी,और इस भरोसे के साथ पूरी तरह रिलेक्स महसूस करते हो,उसी तरह का भरोसा ईश्वर पर होना चाहिए.
बस ,ट्रेन में सफर करते समय अपना सामान हाथ में रखने के बजाय वहाँ रख देते हो. उसी तरह अपने मन की चिताओं का वजन ईश्वर पर छोड़ो और निश्चिंत रहो.दिन भर, यही ख्याल बना रहा.
सरल शब्दों में सुंदर ज्ञान सूत्र !
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