Saturday, April 7, 2018

सन्यास


सत्संग सुना ,एक प्रश्नोत्तर याद रह गया कि सन्यास का मतलब क्या होता है ,तो गुरूजी ने बताया कि व्यास के साथ ...व्यास के माने एक बिंदु ...एक परिधि ...एक केंद्र जिसकी  सब ओर समान निगाहे हों यानि जो सबके लिए समभाग  रखता है ,उसक लिए ऊँच, नीच ,छोटा, बड़ा कुछ नही है ,सन्यासी के लिए सब बराबर होते हैं ,तो मुझे भी तो आजकल कुछ ऐसी ही अनुभूति होती है .

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